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05 Sep.
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परिचय सम्मलेन को लेकर किया गया विचार विमर्श

अग्रवाल समाज की बैठक सम्पन्न
परिचय सम्मलेन को लेकर किया गया विचार विमर्श

जीन्द 29 July 2018 : आगामी 30 सितम्बर को जीन्द में होने वाले परिचय सम्मेलन को लेकर अखिल भारतीय अग्रवाल समाज जीन्द की एक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रधान डा. राजकुमार गोयल ने की। बैठक में परिचय सम्मेलन की तैयारियों को लेकर विचार विमर्श किया गया। बैठक में सुनील गोयल, सुभाष गर्ग, बजरंग लाल सिंगला, राजेश सिंगला, तरसेम गोयल, जयभगवान सिंगला, रामधन जैन, सावर गर्ग, पवन बंसल, गौरव जैन, जतिन जिन्दल, दीपक गुप्ता, सुशील सिंगला, मनीष मित्तल, राजेश गोयल व मनीष गर्ग इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
बैठक को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि आगामी 30 सितम्बर को जीन्द के अग्रसेन स्कूल में उत्तर भारत का ऐतिहासिक विवाह योग्य अग्रवाल युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह सम्मेलन आज तक का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। सम्मेलन में हजारों अग्र बंधुओं की उपस्थिति में सैकड़ो विवाह योग्य प्रत्याशी अपने जीवन साथी का चयन करेंगे। इस सम्मेलन में देश-प्रदेश के दर्जनों राष्टï्रीय अग्रवाल नेता मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। गोयल ने बताया कि परिचय सम्मेलन के लिए हरियाणा के इलावा दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, चंडीगढ़ व पंजाब में 400 से ज्यादा स्थानों पर पंजीकरण केन्द्र बनाए गए हैं।
इस अवसर पर रामधन जैन व सावर गर्ग ने कहा कि परिचय सम्मेलन आज के समय की जरूरत बन कर रह गया है। सम्मेलन से जहां मनपसंद रिश्ता मिलने में आसानी हो जाती है वहीं दहेज प्रथा जैसी बिमारी को रोकने में आसानी होती है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में भाग लेकर लड़का लड़की ढूंढने से लेकर देखा दिखाई तक बहुत सारी परेशानियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा जिन घरों में शादी के कुछ साल बाद पति या पत्नी की आकस्मिक मौत हो जाती है या फिर अवांछित कारणों से तलाक की घटना घट जाती है ऐसे में दोबारा विवाह का स्थायी समाधान भी परिचय सम्मेलन ही है। इन सभी आवश्यकताओं के मददेनजर जीन्द में यह विशााल परिचय सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया है।
इस अवसर पर पवन बंसल व तरसेम गोयल ने कहा कि आज हमारे समाज में न जाने कितनी उम्रपार बहनें ऐसी हैं, जिनके हाथों में अभी तक मेंहदी नहीं लगी है। ऐसी बहनें के रिश्ते समय पर हो जाने चाहिए थे, लेकिन बिचौलियेपन की भूमिका नगारा होने के कारण उन बहनों के रिश्तें नहीं हो पाए। यही स्थिति हमारे भाईयों के साथ भी है, जिनकी उम्र 30-30, 35-35 साल से ज्यादा होने के बाद भी रिश्ते नहीं हो पा रहे ऐसे हालात में परिचय सम्मेलन समाज की आवश्यकता बन गया है।

फोटो कैप्शन (जीन्द 1) : बैठक को संबोधित करते डा. राजकुमार गोयल।