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05 Sep.
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पिछले 17 साल से अपनी आहुति डाल रही है अभाअस

दो दिलों को मिलाना धर्म का कार्य
धर्म के इस कार्य में पिछले 17 साल से अपनी आहुति डाल रही है अभाअस
प्रदेश व आसपास के राज्यों में परिचय सम्मेलनों के माध्यम से करवा चुकी हैं सैकड़ों रिश्ते
सामाजिक बदलाव का यह जज्बा औरों के लिए है प्रेरणा का स्त्रोत

जींद 22 July 2018 : दो दिलों को मिलाना धर्म का कार्य है और धर्म के इस कार्य में सामाजिक संस्था अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा (अभाअस) पिछले 17 साल से अपनी आहूति डाल रही है। अब तक संस्था विवाह योग्य परिचय सम्मेलनों के माध्यम से प्रदेश व आसपास के राज्यों में सैकड़ों रिश्ते करवा चुकी है।
आज हर समाज की सबसे गंभीर समस्या यह है कि समय पर विवाह योग्य प्रत्याशियों के रिश्ते नहीं हो पा रहे। माता पिता अपने बेटे बेटियों के लिए उचित रिश्ते ढूंढते ढूंढते परेशान हो रहे हैं। ऐसे में विवाह योग्य परिचय सम्मेलन सार्थक साबित हो रहे हैं। परिचय सम्मेलनों के माध्यम से विवाह योग्य प्रत्याशियों को उचित रिश्ते के चयन के लिए दर्जनों आप्शन मिल जाते हैं और अपने जीवन साथी का चयन करना आसान हो जाता है।
कहीं दशक पहले जब परिचय सम्मेलन होने शुरू हुए तब समाज ने परिचय सम्मेलनों को अच्छी नजरों से नहीं देखा। समय के साथ बदलाव आया। बिचौलियों की भूमिका कम होती रही। समाज में रिश्ते करवाने वाले पीछे हटते रहे। ऐसे में विवाह योग्य परिचय सम्मेलन कामयाब होने लगे और परिचय सम्मेलन समाज की जरूरत बनने लगा। वैसे तो आजादी के बाद से ही देश में परिचय सम्मेलनों का रिवाज रहा लेकिन हरियाणा में 1995 के बाद से ही परिचय सम्मेलन आयोजित होने लगे। शुरूआत अग्रवाल समाज ने की और धीरे धीरे अन्य समाज भी इसका अनुकरण करने लगे। अब करनाल, कुरूक्षेत्र, रोहतक, पलवल, अंबाला, गुरूग्राम, पंचकूला, रेवाड़ी, भिवानी, जीन्द इत्यादि जिलों में समय समय पर परिचय सम्मेलन आयोजित होने लगे हैं।

1000 से ज्यादा करवा चुके हैं रिश्ते
जीन्द की प्रमुख सामाजिक संस्था अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा वर्ष 2001 से लगातार उत्तर भारत स्तरीय परिचय सम्मेलनों का आयोजन करती आ रही है। 2001, 2005, 2009 और 2013 में जीन्द के अग्रसेन स्कूल में ऐतिहासिक परिचय सम्मेलनों का आयोजन करने के अलावा समय समय पर दूसरे जिलों में भी परिचय सम्मेलनों का आयोजन करती रही है। 2017 में दिल्ली के नांगलोई में आयोजित हुए परिचय सम्मेलन में इस संस्था की पूरी पूरी भूमिका रही है। हर साल मार्च माह में करनाल में होने वाले परिचय सम्मेलनों में भी यह संस्था बढ़ चढ़ कर भाग लेती है। अब तक संस्था विवाह योग्य परिचय सम्मेलनों के माध्यम से 1000 से ज्यादा रिश्ते करवा चुकी है। इसी कड़ी में अब संस्था अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा 30 सितंबर को एक बार फिर अग्रसेन स्कूल में उत्तर भारत स्तरीय विवाह योग्य अग्रवाल युवक युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है।

400 से ज्यादा स्थानों पर बनाए गए हैं पंजीकरण केन्द्र
संस्था के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार गोयल का कहना है कि इस परिचय सम्मेलन में सैकड़ों प्रत्याशी अपने जीवन साथी का चयन करने के लिए उपस्थित होंगे। हजारों लोग इस सम्मेलन के साक्षी बनेंगे। इस सम्मेलन के लिए हरियाणा में करीबन 250 स्थानों पर पंजीकरण केन्द्र बनाए गए हैं। इसके अलावा आसपास के राज्यों चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब इत्यादि राज्यों में100 स्थानों पर पंजीकरण केन्द्र बनाए गए हैं। अकेले जीन्द जिले में 50 से ज्यादा स्थानों पर पंजीकरण केन्द्र बनाए गए हैं। गोयल का कहना है कि रिश्ते करवाना धर्म का कार्य है और धर्म के इस कार्य में उनकी संस्था हर संभव अपनी आहुति डाल रही है।

रिश्ता आयोग गठित करने की कि मांग
गोयल का कहना है कि वे समय समय पर परिचय सम्मेलनों के माध्यम से प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग करते रहे है कि राष्ट्रीय स्तर पर रिश्ता आयोग का गठन किया जाए। गोयल का कहना है कि देश की आजादी के बाद रिश्ते करवाने के मामले में मध्यस्थ लोगों ने तो भूमिका निभाई लेकिन सरकार की भूमिका नगण्य रही जिसके चलते आज हालात यह है कि हमारे बहन भाईयों की उम्र 30-30, 35-35 को पार कर गई है लेकिन उनके समय पर रिश्ते नहीं हो पा रहे। गोयल का कहना है कि सरकार को चाहिए कि देश में जल्द से जल्द रिश्ता आयोग का गठन किया जाए जिससे समाज के विवाह योग्य प्रत्याशियों का डाटा एकत्रित किया जा सके। आयोग का उदेश्य विवाह योग्य प्रत्याशियों के लिए रिश्तों के उचित अवसर प्रदान करना होना चाहिए।

पूर्व युगों में भी होता था परिचय सम्मेलन
परिचय सम्मेलन सिर्फ कलियुग में ही शुरू हुए ऐसा नहीं है। प्राचीन युगों में भी परिचय सम्मेलन का उदाहरण सामने आता है। त्रेता व द्वापर युग में भी परिचय सम्मेलन होने का जिक्र मिलता है। इन युगों में परिचय सम्मेलन को स्वंयवर के नाम से जाना जाता रहा है। भगवान श्रीराम द्वारा शिव धनुष तोड़ कर सीता का चयन करना परिचय सम्मेलन का ही एक उदाहरण है या फिर कहिए कि स्वयंवर का ही आधुनिक रूप है परिचय सम्मेलन।

फोटो कैप्शन (परिचय सम्मेलन 01-05) : परिचय सम्मेलन समारोह की फाईल फोटो।