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26 Mar.
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26 Mar. 2019

अग्रवाल समाज के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने अनिल विज को किया टवीट

अग्रवाल समाज के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने अनिल विज को किया टवीट
कहा जीन्द की मोर्चरी के लिए डी-फ्रिजर आए हो गया है एक साल
लेकिन अभी तक नहीं हो रहे है इस्तेमाल
अभी भी डेड बॉडियां बिना डी-फ्रिजर के पड़ी रहने पर मजबूर
की मांग डी-फ्रिजरों का जल्द हो इस्तेमाल

जींद, 21 मार्च 2019 : अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री व देश के प्रधानमंत्री को टवीट कर कहा है कि जीन्द के नागरिक अस्पताल में डी-फ्रिजरों को आए करीबन 1 साल हो गया है लेकिन अभी तक इन डी-फ्रिजरों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा जिसके चलते अस्पताल की मोर्चरी में अभी भी डेड बॉडियां बिना डी-फ्रिजर के पड़ी रहने पर मजबूर है। गोयल की मांग है कि लाखों रूपये के जो डी-फ्रिजर अस्पताल के परिसर में पड़े पड़े धूल फांक रहे है उनका जल्द से जल्द इस्तेमाल शुरू करवाया जाए।
गोयल का कहना है कि उनके द्वारा 2015 में आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगी थी कि जीन्द जिले के अलग अलग सरकारी अस्पतालों में शवों को रखने के लिए कितने डी-फ्रिजर हैं। आरटीआई से मिली जानकारी से खुलासा हुआ था कि जीन्द मुख्यालय पर शवों को रखने के लिए एक भी डी-फ्रिजर की व्यवस्था नहीं है। जानकारी में ये भी सामने आया था कि नरवाना सब स्टेशन पर तो डी-फ्रिजर की व्यवस्था है लेकिन जीन्द मुख्यालय पर नहीं। यह जानकारी मिलने के बाद अग्रवाल समाज का शिष्टमंडल जिला प्रशासन से मिलकर डी-फ्रिजर की मांग करता रहा था। अनेकों बार जीन्द प्रशासन ने अग्रवाल समाज को पत्र का जवाब देते हुए यह सूचित भी किया था कि डी-फ्रिजर मंगवाने के लिए उचित कार्रवाई की जा रही है। अनकों बार अग्रवाल समाज द्वारा प्रदेश सरकार को भी पत्र लिखे गए थे।
गत वर्ष मई माह में सरकार द्वारा जीन्द के नागरिक अस्पताल को 3 बड़े डी-फ्रिजर उपलब्ध करवाए गए। उस समय अग्रवाल समाज ने इन डी-फ्रिजरों के लिए प्रशासन व सरकार का आभार भी जताया। गोयल का कहना है कि अब इन डी-फ्रिजरों को आए करीबन 1 साल हो गया है लेकिन अभी तक इनको नागरिक अस्पताल की मोर्चरी में नहीं रखा गया है। अस्पताल की दूसरी बिल्ंिडग में ये डी-फ्रिजर रखे हैं जोकि एक साल से धूल फांक रहे है। डेड बॉडियां बिना डी-फ्रिजरों के पड़ी रहने पर मजूबर हैं। बिना डी-फ्रिजरों के लावारिश या ज्यादा चोटिल डेड बोडिया बदबू मारने लगती है जबकि डी-फ्रिजरों में डेड बॉडियों को कईं दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। गोयल की मांग है कि इन डी-फ्रिजरों को जल्द से जल्द इस्तेमाल में लाए जाने के लिए कार्रवाई की जाए।

लावारिश लाशों के लिए अलग से हो डी-फ्रिजर
गोयल का साथ ही यह भी कहना है कि कुल आए तीन डी-फ्रिजरों में से एक डी-फ्रिजर को तो अलग से लावारिश लाशों के इस्तेमाल के लिए शुरू करवाया जाना चाहिए क्योंकि लावारिश लाशों को 72 घंटे के लिए रखना पड़ता है। लावारिश लाशें डी-फ्रिजर में ही अच्छे से सुरक्षित रह सकती है।

बिना डी-फ्रिजर के शवों को कुत्ते तक नोंच चुके हैं
गोयल का कहना है कि जीन्द के अस्पताल की मोर्चरी में तो शवों को कुतों द्वारा नोचने जैसी नौबत आ चुकी है ऐसे में तो यहां
डी-फ्रिजर जल्द से जल्द शुरू करवाए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। गोयल की मांग है कि इस ओर जल्द से जल्द ध्यान दिया जाए।

फोटो कैप्शन (जीन्द 1) : अस्पताल में रखे हुए डी-फ्रिजर।
फोटो कैप्शन (जीन्द 2) : राजकुमार गोयल।

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