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राजकुमार गोयल ने रोहतक रोड़ मामलें में प्रशासन को जम कर कोसा
राजकुमार गोयल ने रोहतक रोड़ मामलें में प्रशासन को जम कर कोसा
कहा अगर सरकार और प्रशासन बदहाल रोड़ को नहीं बनवा सकते तो
रोहतक रोड़ के लोगों को रहने के लिए कहीं और रेन बसेरा दे दे
कहा रोहतक रोड़ पर उड़ रहे रेत ने जीना किया दुश्वार
लोगों को सांस लेने में आ रही है दिक्कत
खांसी करते हुए निकल रहा है रेत, घरों की रसोई तक भी पहुंचा रेत
लगाया आरोप प्रशासन न तो यहां कोई छिड़काव रहा और न ही सड़क बनवा रहा
कैसे जियें यह दुभर जिन्दगी
जीन्द, 06 Oct 2020 : प्रमुख समाज सेवी एवं अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के अध्यक्ष डा. राजकुमार गोयल ने बदहाल रोहतक रोड़ के मामलें में प्रशासन और सरकार को जमकर कोसा। गोयल का कहना है कि रोहतक रोड़ पर लगातार उड़ रहे रेत ने यहां के लोगो का जीना दुश्वार कर दिया है। रेत इतना उड़ रहा है कि यहां के लोगो को सांस लेने में भी दिक्कत आने लगी है। खांसी करते हुए मुंह से रेत निकल रहा है। इसके साथ साथ दुकानों में रेत की वजह से बुरा हाल है वहीं घरों में यह रेत रसोई के खाने तक भी पहुंच चुका है। गोयल का आरोप है कि प्रशासन न तो यहां कोई छिड़काव करवा रहा और न ही सड़क बनवा रहा। गोयल ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर सरकार और प्रशासन बदहाल रोड़ को नहीं बना सकते तो रोहतक रोड़ के लोगों को रहने के लिए कहीं और रेन बसेरा दे दे। यहां 24 घण्टे उड़ रहे रेत के गुब्बार से जिन्दगी दुभर हो गई है।
गोयल का कहना है कि चैधरी देवीलाल चैंक से लेकर रोहतक रोड़ बाईपास तक का रोड़ करीबन 3 साल से बदहाल है। रोड़ को नए सिरे से बनाने की मांग को लेकर लगातार प्रशासन और सरकार को गुहार लगाई जाती रही है। लेकिन आज तक यह रोड़ नहीं बन पाया है। पहले ही रोड़ बदहाल था ऊपर से सीवरेज पाईप लाईन दबाने के दौरान इस रोड़ को और भी बदहाल बना दिया गया। बची खुची हालात अमरूत योजना के तहत दबाए जा रहे सीवरेज के पाईपों ने पूरी कर दी। इन दोनों योजनाओं ने पूरे रोड़ को गांव बना रख दिया। सड़क कहीं नजर नहीं आ रही। पूरा रोड़ कच्चा नजर आ रहा है और आते जाते व्हीकल रेत को उड़ा रहे है। अब लगातार यहां रेत के गुब्बार उड़ रहे है जिसके चलते यह पूरा रोड़ रेगिस्तान नजर आ रहा है।
गोयल का कहना है कि लगातार उड़ रहे रेत से यहां के लोगो का जीना दुश्वार हो गया है। सांस लेने में दिक्कत आने लगी है। खांसी करने के दौरान रेत निकल रहा है। जो बुर्जुग है उन्हें तो और भी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यहां दुकानों में रखा सामान उड़ रहे रेत की वजह से खराब हो रहा है। वहीं घरों की रसोई के खाने तक भी यह रेत पहुंच चुका है लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। न तो प्रशासन यहां कोई छिड़काव करवा रहा और न ही नई सड़क बनवा रहा। गोयल का कहना है कि अब यहां इतने रेत में रहना दुभर हो गया है। गोयल ने जीन्द के डीसी से मांग की है कि यदि प्रशासन इस बदहाल रोड़ को नहीं बना सकता तो यहां के लोगों को रहने के लिए कहीं और रेन बसेरा दे दे। गोयल का कहना है कि अगर जल्द ही प्रशासन नहीं जागा तो यहां के लोग इस रेत में अस्थमा के मरीज बन जाऐंगे।