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अग्रवाल समाज के प्रधान राजकुमार गोयल ने दिया इंसानियत का परिचय
कोरोना लोकडाउन की वजह से बिछड़े दो सगे बुजुर्ग भाइयों का मिलन करवा कर
अग्रवाल समाज के प्रधान राजकुमार गोयल ने दिया इंसानियत का परिचय
दोनों भाई जब मिले तो आंखों में आंसू थे, गले नहीं मिल पाए दूर खड़े होकर रो लिए
जींद, 02 April 2020 : कोरोना लोकडाउन की वजह से बिछड़े दो सगे बुजुर्ग भाइयों का मिलन करवा कर अग्रवाल समाज के प्रधान एवं प्रमुख समाज सेवी राजकुमार गोयल ने इंसानियत का परिचय दिया है जिसकी चहुँ और प्रशंसा हो रही है। अगर राजकुमार गोयल समय रहते दोनों भाइयों को मिलवाने का पूरा प्रयास न करते तो पता नहीं कब तक दोनों भाई एक दूसरे से बिछड़े रहते।
सुरेश नाम का 80 साल का बुजुर्ग 7 दिन पहले अपने भाई से मिलने मुरादाबाद से जींद आया था | सुरेश का दिमागी संतुलन ज्यादा सही नहीं था जिस कारण उसे जींद आकर अपने भाई का पता याद नहीं रहा। सुरेश के पास न तो खुद कोई मोबाइल नंबर था और न ही उसके पास किसी घरवाले का मोबाइल नंबर। ऐसे में यह बेचारा बुजुर्ग जगह जगह धक्के धक्के खाकर अपने भाई के ठिकाने को तलाशने का प्रयास कर रहा था लेकिन भाई के ठिकाने का पता नहीं चल पा रहा था। इस दौरान जब बुजुर्ग सुरेश पैदल चल चलकर रोहतक रोड पर अपने भाई तो तलाश रहा था तो उस दौरान लोक डाउन लगा हुआ था। लोक डाउन की वजह से पुलिस ने इन्हे यहां से उठा लिया और प्रशासन के आदेश पर उन्हें शेलटर होम में शिफ्ट कर दिया। बुजुर्ग सुरेश को शेलटर होम में शिफ्ट जरूर करा दिया लेकिन यहां सुरेश लगातार रो रहा था। उसके आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। बस बार बार एक ही बात कह रहा है मुझे किसी तरह मेरे घर भिजवा दो।
बेचारा बुजुर्ग साँस से पीड़ित था। एक एक साँस मुश्किल से ले रहा था। इस दौरान तीन दिन पहले अग्रवाल समाज के प्रधान राजकुमार गोयल प्रवासियों की सेवा के दौरान जब इस बुजुर्ग से मिले तो उनकी हालात देख कर काफी व्यथित हुए। उन्होंने जींद के डीसी को इस बारे अवगत कराया और बुजुर्ग की हरसंभव सहायता करने की मांग की। डीसी से यह भी मांग की गयी की इस बुजुर्ग को सिविल हॉस्पिटल में दाखिल करवाया जाये क्योंकि बुजुर्ग को सांसे लेने में काफी दिक्क्त है। दो दिन पहले इन्हे जींद के सिविल हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया। कल इलाज के बाद इन्हे दोबारा भिवानी रोड स्थित जयंती मंदिर स्कुल के शेलटर होम में शिफ्ट कर दिया गया। अग्रवाल समाज के प्रधान राजकुमार गोयल लगातार इस बुजुर्ग के सम्पर्क में थे। इस दौरान बुजुर्ग से जब पूरी जानकारी लेनी चाही तो बुजुर्ग सिर्फ यह बता पाया की वह मुरादाबाद का रहने वाला है। उनका कोई रिश्तेदार हैं क्या। उनका कोई मोबाइल नंबर है क्या। ऐसी कोई जानकारी बुजुर्ग नहीं दे पाया। यहां तक की बुजुर्ग यह भी नहीं बता पाया की उसका सगा भाई जींद में रहता है।
राजकुमार गोयल ने इस बुजुर्ग की वीडियो अनेकों जगह शेयर की। मुरादाबाद तक खुद अपने रिस्तेदारों के माध्यम से इस बुजुर्ग का कोई भी सुराग लगाने की कोशिस की पर कोई हल नहीं निकला। अब प्रशासन से बीमार और सीनियर सिटीजन के आधार पर इस बुजुर्ग को ऑनलाइन पास बनाए बारे सलाह की जा रही थी। इस दौरान राजकुमार गोयल को पता चला की रोहतक रोड पर मुरादाबाद का कोई परिवार रहता है। उस परिवार से सम्पर्क किया गया। यहाँ 75 साल का एक बुजुर्ग जय सिंह मिला जब उससे बुजुर्ग सुरेश का रोते हुए का वीडियो दिखाया गया तो वीडियो देखते ही यह बुजुर्ग भी रोने लगा और कहने लगा यह तो मेरा सगा भाई है। जल्दी ही मुझे इनके पास ले चलो। जयंती मंदिर स्कुल के चैयरमेन राजेश गौतम और यहां के नोडल अधिकारी और जींद के तहसीलदार से इस बारे बातचीत की गयी। प्रशासन ने सभी तरह की फ़ॉर्मेल्टीज के बाद बुजुर्ग को उसके भाई को सौंप देने की बात कही।
राजकुमार गोयल द्वारा खुद बुजुर्ग जय सिंह को शेलटर होम ले जाया गया वहां दोनों का मिलन हुआ। दोनों एक दूसरे के गले लगना चाहते थे लेकिन सोशल डिस्टेंशिंग की वजह से ऐसा नहीं कर पाए। दोनों मिले तो उनकी आँखों में आंसू थे। जयंती मंदिर स्कुल के संचालक राजेश गौतम का कहना है की प्रमुख समाज सेवी राजकुमार गोयल के प्रयासों से भाई का भाई से मिलन हुआ। उन्हने बताया की राजकुमार गोयल आज जय सिंह को लेकर आये थे। सभी फ़ॉर्मेल्टीज करवाने के बाद बुजुर्ग सुरेश को उसके भाई जय सिंह को सौंप दिया है। राजकुमार गोयल का कहना है की जब वे पहली बार बुजुर्ग सुरेश से मिले थे तो उनके आंसू देखे नहीं गए थे। उन्होंने तभी मन में यह सोच लिया था की जब तक यह बुजुर्ग अपने लोगों के बीच नहीं पहुंचेगा तब तक वे अपने प्रयास जारी रखेंगे।